Sunday, July 19, 2020

B.R.I.C.S क्या है ?



👉B.R.I.C.S की स्थापना की पहल 2006 में चार देशों - ब्राज़ील, रूस, भारत तथा चीन द्वारा की गयी थी. इन्ही देशों नाम के पहले अक्षरों के आधार पर इसका B.R.I.C (ब्रिक) नाम रखा गया. बाद में 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल हों जाने के बाद इसका वर्तमान नाम B.R.I.C.S हो गया., जिन्हें विश्व की उभरती हुई आर्थिक शक्तियां की संज्ञा दी जाती है. B.R.I.C.S  देशो का पहला शिखर सम्मलेन 2009 में आयोजित किया गया था, लेकिन B.R.I.C.S की शुरुआत 2006 में हुई थी. 

👉ब्रिक्स का विचार सबसे पहले वित्तीय सलाहकार कम्पनी गोल्डमेन सैक  के अर्थशास्त्री जिम ओ नील ने 2003 में दिया था. जिम ओ नील ने ब्रिक का विचार 2003 में प्रकाशित अपनी report "Dreaming with BRICS: The path to 2050" में दिया था. उनके अनुसार चार देशो- Brazil, Russia, India, China की विकास क्षमता इतनी अधिक है कि 2050 तक ये देश विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं होगे. वर्तमान में अमेरिका तथा यूरोपियन संघ की अर्थव्यवस्थाएं विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं है. इस report के अनुसार चीन तथा भारत वस्तुओं तथा सेवाओ के उत्पादन में विश्व के सबसे बड़े निर्माताओं के रूप में उभर रहे है. वही दूसरी ओर रूस व ब्राज़ील विश्व के कच्चे माल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में उभर रहे है

💟👉B.R.I.C.S (ब्रिक्स) के उद्देश्य 

👉ब्रिक्स का अपना कोई संविधान नही है, लेकिन इसके सम्मेलनों के अंत में जारी घोषणा पत्रों के आधार पर इसके निम्नलिखित उद्देश्य माने जा सकते है:-

👉विभिन्न क्षेत्रों में सदस्य देशों के बीच पारस्परिक लाभकारी सहयोग को आगे बढाना, जिससे इन देशों में विकास को गति प्रदान की जा सके.

👉एक न्यायपूर्ण तथा समतापूर्ण विश्व व्यवस्था की स्थापना

👉वर्तमान विश्व के प्रमुख मुद्दों जैसे जलवायु  परिवर्तन, आतंकवाद, विश्व व्यापार, आणविक ऊर्जा आदि का न्यायोचित समाधान.

💟👉B.R.I.C.S की उपलब्धियां

👉शीत युद्ध के बाद में अर्थव्यवस्था के आकार तथा विकास की क्षमता के आधार पर ब्रिक्स, विश्व का एक महत्वपूर्ण संगठन है. 

❣️प्रथम- ब्रिक्स ने पश्चिमी पूँजीवादी प्रभुत्व वाली वैश्विक व्यवस्था के स्थान पर एक बहुपक्षीय, खुली व   समतापूर्ण विश्वव्यवस्था के लिए निरंतर प्रयास किया है. World Bank के विकल्प के रूप में Development Bank की स्थापना इस दिशा में ठोस कदम है. 

❣️दूसरा- ब्रिक्स के देशों ने आर्थिक, तकनीकी, व विकास के क्षेत्र में आपसी सहयोग को पिछले एक दशक में मजबूत किया है.

💟👉B.R.I.C.S की कमजोरियाँ

❣️प्रथम- ब्रिक्स देशो की घोषित नीतियाँ तथा उनके वास्तविक व्यवहार में अंतर देखने में आया है. चीन ब्रिक्स के मंच से समेकित व लोकतान्त्रिक व्यवस्था की मांग उठाता है, लेकिन वही दक्षिण चीन सागर में वह अपने पड़ोसियों के ऊपर अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है. 

❣️दूसरा-  ब्रिक्स देशो के बीच आपसी विवाद अत्यंत गहरे है.  भारत तथा चीन के बीच सीमा-विवाद सहित अन्य मतभेद जगजाहिर है!

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